Genre | Hindi Lyrics |
Language | Hindi |
रातों की तरह लगते मेरे दिन
जायज़ ना अब सांसें तेरे बिन
कैसे रह लेते हो
यार मेरे बिन
कैसे रह लेते हो
यार मेरे बिन
इश्क़ में तेरे मेरी जान ते आयी ऐ
छड़ दिता जग नाल छड़ दी खुदायी ऐ
अच्छा नहीं है हाल मेरा तुम कहो अपना
ठीक नहीं होगे तुम भी ऐसा ही है ना
मेरी कमी अगर खलती हो तो
पास मेरे आ जाओ
ख़ुश होंगे गर मेरे बिना
तो भुला ही रखना
हाँ तो भुला ही रखना
कभी कभी अकेले में
मेरी याद तो आती होगी
तेरे कानों में मेरे रोने की
आवाज़ तो जाती होगी
हाँ दोनों हाथ पकड़ के तेरे
ख़्वाब मेरे रोए होंगे
कौन से झूठ से बोलो उनको
तुम समझाती होगी
हाँ मर जाऊँ ना मैं यार किसी दिन
थक गया दिन रात ये गीन गिन
कैसे रह लेते हो
यार मेरे बिन
कैसे रह लेते हो
यार मेरे बिन
आँखों से पूछो शब का सफ़र
टुकड़ों में किया है तय हमने
ख़्वाबों की जगह पे पानी है
रो रोके की है सुबह हमने
रातों की तरह लगते मेरे दिन
जायज़ ना अब सांसें तेरे बिन
कैसे रह लेते हो
यार मेरे बिन
कैसे रह लेते हो
यार मेरे बिन