Genre | Hindi Lyrics |
Language | Hindi |
घिसट घिसट के लड़ जैसे तू
कोई टूटी पतंग
सह ले तू दर्द क्योंकि कभी
ना होगी ख़तम ये जंग
घरवालों से आती शरम कहने में
जो मुझे है बनना
जब तक देता ना सबूत तो कैसे बोलूं
हाँ, यही था शुरू से मुझे करना
रास्ते जो पास थे कब आएंगे सामने
जितना पीछा करोगे उतने बढ़ेंगे फासले
सपनो के लिए साँस लें सपनो के लिए जान दे
कैसे है करना बस यही ना जानते
पकड़ो मेरा हाथ कूदो तुम ऊंचाई से
जायेंगे नीचे नहीं और भी ऊंचाई पे
जहाँ पे जीत की पुकार भी सुनाई दे
इस बात की मेरी पूरी ज़िन्दगी गवाही दे
पकड़ो मेरा हाथ कूदो तुम ऊंचाई से
जायेंगे नीचे नहीं और भी ऊंचाई पे
जहाँ पे जीत की पुकार भी सुनाई दे
इस बात की मेरी पूरी ज़िन्दगी गवाही दे
नीचे मत देखना पीछे मत मुड़ना
चिल्लाते लोग ज़िंदा या मुर्दा
जरा सोच कभी तू भी वहीं था
पर तुझमे थी वीरता हाँ तू ही सही था
सब में जलती है आग जिसे
अक्सर बुझने देते हैं हम
अंत में बचती है राख
जो करती हिम्मत और भी कम
करनी है पूरी अपनी खुराक
लगेगा सिर्फ एक ही जनम
लपटें उठेंगी राख से
बस रखना है आगे कदम
पड़ेंगे पीछे लोग और मारेंगे ताने
उनकी मत सुन ये भूखे बेचारे
जाने अनजाने बस ये खाते हैं दाने
ये लोग खुद को ना पहचाने
तो सोच कैसे आएंगे हमे बचाने
नाकामयाबी का जब बढ़ता है अंधेरा
नहीं समझते सफ़र लगता है अकेला
तब भूलो ना क्या क्या तुमने झेला
क्योंकि आता है अँधेरा ताकि आ सके सवेरा
पकड़ो मेरा हाथ कूदो तुम ऊंचाई से
जायेंगे नीचे नहीं और भी ऊंचाई पे
जहाँ पे जीत की पुकार भी सुनाई दे
इस बात की मेरी पूरी ज़िन्दगी गवाही दे
पकड़ो मेरा हाथ कूदो तुम ऊंचाई से
जायेंगे नीचे नहीं और भी ऊंचाई पे
जहाँ पे जीत की पुकार भी सुनाई दे
इस बात की मेरी पूरी ज़िन्दगी गवाही दे
बनना नहीं लीजेंड बनानी बस अपनी जगह
देना नहीं सौ परसेंट दो सौ तू पावर लगा
किस्मत को भूल, भूल मत अपनी वज़ह
लगी है चोट वरदान है ना कोई सज़ा