Genre | Jannat 2 |
Language | Hindi |
मेरी धड़कनों में ही तेरी सदा
इस कदर तू मेरे रूह में बस गया
तेरी यादों से कब रहा मैं जुदा
वक़्त से पूछ ले वक़्त मेरा गवाह
बस सारे ग़म में जाना, संग हूँ तेरे
हर एक मौसम में जाना, संग हूँ तेरे
अब इतने इम्तेहाँ भी ना ले मेरे
तू मेरा ठिकाना मेरा आशियाना
ढले शाम जब भी मेरे पास आना
है बाँहों में रहना कहीं अब ना जाना
हूँ महफूज़ इनमे बुरा है ज़माना
बस सारे ग़म में जाना, संग हूँ तेरे
हर एक मौसम में जाना, संग हूँ तेरे
अब इतने इम्तेहाँ भी ना ले मेरे