Genre | Hindi Lyrics |
Language | Hindi |
सुन ज़रा अर्ज़ियाँ मैं मांगता हूँ
मेरे खुदा से तेरी
सुन ज़रा ख्वाब मेरे नींद में भी
करते है बातें तेरी
सौ बार खुदा से मांगा है
मन्नत का तू वो धागा है
तू प्यार के बदले में
अपनी यादें दे गया
मैं गैर था तेरे लिए
फिर मुझे सपने क्यूँ दे गया
मैं गैर था तेरे लिए
फिर मुझे सपने क्यूँ दे गया
हाथों की लकीरें बिखरी हुयी हैं
किस्मत में जाने क्या लिखा
काश तू कहीं से मिल जाये मुझको
सजदे मैं करता सिर झुका
मैं याद में तेरी हर लम्हा
अरसे से खुद में रहता हूँ
तू ख्वाइशों से बढ़कर
झूठे वादे दे गया
मैं गैर था तेरे लिए
फिर मुझे सपने क्यूँ दे गया
मैं गैर था तेरे लिए
फिर मुझे सपने क्यूँ दे गया
मैं गैर था तेरे लिए
फिर मुझे सपने क्यूँ दे गया
मैं गैर था तेरे लिए
फिर मुझे सपने क्यूँ दे गया
आइ होप हम
हम फिर कभी ना मिले
आइ होप ऐसा ही हो
मैं गैर था तेरे लिए
फिर मुझे सपने क्यूँ दे गया