Genre | Ginny Weds Sunny |
Language | Hindi |
क्यूँ आसुओं से लिखने लगी है
अब ज़िंदगानी ये दास्तां
पहले थे हँसे जितना
अब उतना बुरा लगता है
सब तो खो गया मुझसे
अब किसके लिए रुकना है
फिर चला फिर चला
उन राहों से दिल चला
फिर चला फिर चला
उन राहों से दिल चला
पाने की चाहत में खो गया
ख्वाबों के हाथों से दिल गिर गया
टूटी जो नींदें दिखा ही नहीं
जाने कहाँ वो मुशफिर गया
निकले थे सही करने हम
फिर भी गलत ही हुआ है
अंजाने में जाने कैसा
हमसे गुनाह हो गया है
फिर चला फिर चला
उन राहों से दिल चला
फिर चला फिर चला
उन राहों से दिल चला
तकदीरों की इस लड़ाई में
बैठे हैं रिश्ते ये हारे हुए
बेचारे दिल को तो पूछो कोई
इसकी खुशी इसको क्या चाहिए
रहती थी जहाँ रौनक
अब घर वो सूना पड़ा है
वो जो ख्वाब देखा था
सौ टुकड़ों में टूटा पड़ा है