Genre | Hindi Lyrics |
Language | Hindi |
लफ़्ज़ों के धागे खुल गए
अब वो कहानी हम नहीं
हां सब बीती है बातें
कोई दिलासा तक नहीं
है नहीं
आंखों तले बैठे
दो भीगे भीगे चेहरे हैं
वहीं ठहरे हैं
यादों वाले सारे
किनारे बड़े गहरे हैं
हम जो तैरे हैं
ना वो मैं ना वो तुम
ना वो पहली सी है बातें
ना वो दिन दोपहर
ना वो शबनमी सी रातें
ना वो पहली सी है बातें
ना वो शबनमी सी रातें
हां
पल जो हसाते थे कभी
अब वो रुलाते तक नहीं
हम्म.. अब क्या हो कब क्या हो
कोई ठिकाना ही नहीं
है नहीं
हाँ
सजदे में थे हमारे जो
अब वो खुदा से कम नहीं
हम उनसे पूछे क्या
कोई बहाना भी नहीं
है नहीं
बिना वजह रूठे
यूँ पागल बने बैठे हैं
ऐसे कैसे हैं
जाने कहाँ देखो
सितारों जैसे टूटे हैं
कहाँ छूटे हैं
ना वो मैं ना वो तुम
ना वो पहली सी है बातें
ना वो दिन दोपहर
ना वो शबनमी सी रातें
ना वो पहली सी है बातें
ना वो शबनमी सी रातें
ना वो मैं ना वो तुम
हाँ ना वो तुम
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