Genre | Hindi Lyrics |
Language | Hindi |
में ये हाथ जो
तेरे हाथ पे रख दूँ
हर सांस जो तेरे नाम
भी लिख दूँ
तुझ पे एक नज़म सी
थी जो लिखी
पन्ने ले गयी वो हवा
है तो छिपा
ढूंढो तो तुम जवाब
नैनों की बनी दो दरस
पर्दे शर्म की दीवारें
इनमें मिलता दरवाजा ना
दिल है अध-खुला लिफाफा
में ये हाथ जो
तेरे हाथ पे रख दूँ
हर सांस जो तेरे नाम
भी लिख दूँ
हर सुबह खुली आखें तेरी पहलू में
दुनिया के बनाए सारे
ग़म भी सेह लूँ में
पतझड़ सावन बहार आए आ जाये
तेरी लकीरों में मेरा नसीबा
मैं ये हाथ जो
तेरे हाथ पे रख दूँ
क्या चलेगा फ़लक तलक तू
मैं हूँ कतरा तू मेरी नदिया
क्या बहेगा सागर तलक तू
में ये हाथ जो
तेरे हाथ पे रख दूँ
हर सांस जो तेरे नाम
भी लिख दूँ
में ये हाथ जो
तेरे हाथ पे रख दूँ
हर सांस जो तेरे नाम
भी लिख दूँ