Genre | Gulabo Sitabo |
Language | Hindi |
बनके मदारी का बंदर
डुग डुगी पे नाचे सिकंदर
बनके मदारी का बंदर
डुग डुगी पे नाचे सिकंदर
खन खन खनके गिनती के सिक्के
सांसो टकसाल में
मोह माया ने उलझाया किस फरेबी जाल में
खारे पानी में ढूंढे मीठा समंदर
अरे बनके मदारी का बंदर
डुग डुगी पे नाचे सिकंदर
बनके मदारी का बंदर
डुग डुगी पे नाचे सिकंदर
कीमत लगेगी ठाट वाट की
एक बार चढनी है हांड़ी ये काठ की
कैसा करतब है जाने क्या कब है
ऊँगली पे झुले नटनी घाट घाट की
चढ़ा है जो सुरूर ये
मरघट के जमघट में
पल में उत्तर जायेगा
दिल का है जब वो कलंदर
डुग डुगी पे नाचे सिकंदर
बनके मदारी का बंदर
डुग डुगी पे नाचे सिकंदर
साहब को जिंदगी ने ज़टका दिया
लंगोटी से बंधा और लटका दिया
साहब को जिंदगी ने ज़टका दिया
लंगोटी से बंधा और लटका दिया
मचेगा ऐसा हुल्लड़
बचेगा थोक ना फुटकर
लूटेगी बैरी बन के
खड़ा ना हो तू तन के
अरे हंस ले पगले थोड़ा सा
क्या रखा रोने में
लट्टू घूमें जंतर मंतर
जादू टोन में
2 गज जमीन पूछे कितने सवाल हैं
2 गज जमीन पूछे कितने सवाल हैं
बनके मदारी का बंदर
डुग डुगी पे नाचे सिकंदर
बनके मदारी का बंदर
डुग डुगी पे नाचे सिकंदर
खन खन खनके गिनती के सिक्के
सांसो टकसाल में
मोह माया ने उलझाया किस फरेबी जाल में
खारे पानी में ढूंढे मीठा समंदर
अरे बनके मदारी का बंदर
डुग डुगी पे नाचे सिकंदर
बनके मदारी का बंदर
डुग डुगी पे नाचे सिकंदर