Singer | Mohammed Rafi |
Genre | Old Songs Hindi Lyrics |
Language | Hindi |
Album | Kanyadaan (1968) |
लिखे जो ख़त तुझे, वो तेरी याद में
हज़ारों रंग के नज़ारे बन गये
सवेरा जब हुआ, तो फूल बन गये
जो रात आई तो सितारे बन गये
लिखे जो खत तुझे
कोई नग्मा कहीं गूंजा, कहा दिल ने ये तू आई
कहीं चटकी कली कोई, मैं ये समझा तू शरमाई
कोई खुशबू कहीं बिखरी, लगा ये जुल्फ लहराई
लिखे जो खत तुझे, वो तेरी याद में
हज़ारों रंग के नज़ारे बन गये
सवेरा जब हुआ, तो फूल बन गये
जो रात आई तो सितारे बन गये
लिखे जो खत तुझे
फ़िज़ा रंगीन, अदा रंगीन ये इठलाना, ये शरमाना
ये अंगड़ाई, ये तनहाई, ये तरसाकर चले जाना
बना देगा नहीं किस को, जवां जादू ये दीवाना
लिखे जो खत तुझे, वो तेरी याद में
हज़ारों रंग के नज़ारे बन गये
सवेरा जब हुआ, तो फूल बन गये
जो रात आई तो सितारें बन गये
लिखे जो खत तुझे
जहाँ तू है, वहाँ मैं हूँ, मेरे दिल की तू धड़कन है
मुसाफिर मैं तू मंज़िल है, मैं प्यासा हूँ तू सावन है
मेरी दुनिया ये नज़रें हैं, मेरी जन्नत ये दामन है
लिखे जो खत तुझे, वो तेरी याद में
हज़ारों रंग के नज़ारे बन गये
सवेरा जब हुआ, तो फूल बन गये
जो रात आई तो सितारें बन गये
लिखे जो खत तुझे..