Genre | The Body |
Language | Hindi |
रात जितनी भी दिलचस्प हो सैयां
सुबह होना ज़रूरी है समझा कर
खुदा हाफिज ओ मेरे यारा
मिलें या ना मिलें दोबारा
रहूँगा मैं सदा तेरा
खुदा हाफिज ओ मेरे यारा
सफ़र बेदर्द बेसहारा
मुहाफ़िज़ हो खुदा तेरा
दास्तां तेरी मेरी कितनी अजीब है
पास तू नहीं फिर भी सबसे करीब है
खुदा हाफिज ओ मेरे यारा
जो पल तेरे बिन गुज़ारा
है उसमें भी निशां तेरा
हम्म..
मिटे ना मिटाए अब यार
मेरी आँखों से ये नमी
हर दिन हर लम्हां
यूँ गूंजेगी दीवारों से तेरी कमी
जब मिलेंगे दोबारा हम
किसी चौराहे पे फिर कभी
मैं पहचान लूँगा तुमको है लाज़मी
खुदा हाफिज ओ मेरे यारा
सफ़र बेदर्द बेसहारा
अधूरी रह गयी दुआ
डूबकर सूरज ने मुझको तन्हा कर दिया
मेरा साया भी बिछड़ा मेरे दोस्त की तरह
डूबकर सूरज ने मुझको तन्हा कर दिया
मेरा साया भी बिछड़ा मेरे दोस्त की तरह
खुदा हाफिज ओ मेरे यारा
मिलें या ना मिलें दोबारा
रहूँगा मैं सदा तेरा
दास्तां तेरी मेरी कितनी अजीब है
पास तू नहीं फिर भी सबसे करीब है
खुदा हाफिज ओ मेरे यारा
जो पल तेरे बिन गुज़ारा
है उसमें भी निशां तेरा
हम्म..