Genre | Gulabo Sitabo |
Language | Hindi |
जेब में ना हाथ डाले दूसरों का माल खाले
खर्चे सुनके खाँसने लग जाये रे
चाय में जो मक्खी जो गिरे
मक्खी चूस के निकाले
चाहे किसी और की हो चाय रे
आँसू बचाने के लिए करे नही cry
Okay वाले text को भी k में ही निपटाए
आँसू बचाने के लिए करे नही cry
Okay वाले text को भी k में ही निपटाए
अकल कितनी हो अकल कितनी
अकल कितनी हो खर्च करे कंजूस है
अकल कितनी हो खर्च करे कंजूस है
हो रोटी पानी घर के लिए जेल चला जाएगा
मुफ्त में जाने को मिले hell चला जायेगा
हो ओ हो
हो रोटी पानी घर के लिए जेल चला जाएगा
मुफ्त में जाने को मिले hell चला जायेगा
सोच के ये घर में कभी करता नही रोशनी
लालटेन चलेगी तो तेल चला जायेगा
Haye घर पे भी जो बुलाता है
मेहमानों को खिलता है
शक्कर चावल दूध बिना खीर हो
अगर हुआ मर्ज कहीं पैसा करे खर्च नही
ताकि साला बन सके अमीर वो
आँसू बचाने के लिए करे नही cry
Okay वाले text को भी k में ही निपटाए
आँसू बचाने के लिए करे नही cry
Okay वाले text को भी k में ही निपटाए
अकल कितनी हो अकल कितनी
अकल कितनी हो खर्च करे कंजूस है
अकल कितनी हो खर्च करे कंजूस है
अकल कितनी हो खर्च करे कंजूस है
अकल कितनी हो खर्च करे कंजूस है