Genre | Kasoor |
Language | Hindi |
कल लेट हुए वो केह ना सके
जो कहना थी वो दिल में रही
वो दिल में रही
वो दिल में रही
क्या कहना था?
कहना था कि प्यार हो गया है
कहना था कि दिल खो गया है
कहना था कि जी ना सकेंगे
हाँ कहना था कि फिर कब मिलोगे
कल रात हो गयी
मुलाकात हो गयी
कुछ सुन भी लिया
कुछ कह भी दिया
कल लेट हुए वो कह ना सके
जो कहना थी वो दिल में रही
वो दिल में रही
वो दिल में रही
क्या कहना था?
कहना था कि प्यार हो गया है
कहना था कि दिल खो गया है
कहना था कि जी ना सकेंगे
हाँ कहना था कि फिर कब मिलोगे
कल रात हो गयी
मुलाकात हो गयी
कुछ सुन भी लिया
कुछ कह भी दिया
मैं तेरे बारे में सोचता रहा
हाँ मैं तेरे बारे में सोचता रहा
मेरा दिल बस तुझको चाहता रहा
मिला पल भर को मुझसे ये हाल कर गया
तेरा यूँ मिलने आना कमाल कर गया
ना जाने फिर कब कैसे मिलना होगा जाना
जल्दी आऊँगी कुछ देर दिल को समझाना
ओ.. आ..
कल रात हो गयी
मुलाकात हो गयी
कुछ सुन भी लिया
कुछ कह भी दिया
मिले जो तन्हाई में घुमते रहे
हो मिले जो तन्हाई में घुमते रहे
लबों से रुखसारों को चूमते रहे
नहीं जाना था फिर भी छोड़ के गए
हम एक दूजे का दिल तोड़ के गए
थोड़े से दीवाने थे और थोड़े से पागल
बिखरी बिखरी ज़ुल्फ़ें थी और बिखरा था आँचल
आ.. आ..
कल रात हो गयी
मुलाकात हो गयी
कुछ सुन भी लिया
कुछ कह भी दिया
कल लेट हुए वो कह ना सके
जो कहना थी वो दिल में रही
वो दिल में रही
वो दिल में रही
क्या कहना था?
कहना था कि प्यार हो गया है
कहना था कि दिल खो गया है
कहना था कि जी ना सकेंगे
हाँ कहना था कि फिर कब मिलोगे
कल रात हो गयी
मुलाकात हो गयी
कुछ सुन भी लिया
कुछ कह भी दिया
कल लेट हुए वो केह ना सके
जो कहनी थी वो दिल में रही
वो दिल में रही
वो दिल में रही
क्या कहना था?
कहना था कि प्यार हो गया है
कहना था कि दिल खो गया है
कहना था कि जी ना सकेंगे
हाँ कहना था कि फिर कब मिलोगे
कल रात हो गयी मुलाकात हो गयी
कुछ सुन भी लिया, कुछ कह भी दिया