Genre | Hindi Lyrics |
Language | Hindi |
कौन जाने कभी सावन में
तुम पर जा बरसे
कौन जाने कभी सावन में
तुम पर जा बरसे
कभी यूं हो
कभी यूं हो
कभी यूं हो
हवाओं पर नज़में लिख दूँ
हवाओं पर नज़में लिख दूँ
कौन जाने कभी मेरा अनकहा पैगाम
तुम्हें छु कर हाँ हाँ
तुम्हें छु कर जता दे जता दे
कभी यूं हो
सागर की लहरों पर नज्में लिख दूँ
सागर की लहरों पर नज्में लिख दूँ
क्या पता कभी
क्या पता कभी तुमसे लिपट जाऊं
कभी यूं हो
रेत पर नजमे उकेर दूँ
क्या पता तुम्हारे पाव तले आ जाए
और नज़मों में अपना ज़िक्र पा
तुम अंदर तक सिहर जाओ ठिठक जाओ
और उस एक पल ख़यालो में
बस मैं रहूँ, बस मैं रहूँ
और उस एक पल ख़यालो में
बस मैं रहूँ, बस मैं रहूँ
कभी यूं हो