Genre | Old Songs Hindi Lyrics |
Language | Hindi |
ज़ुल्मी हमारे सावरिया हो राम
ज़ुल्मी हमारे सावरिया हो राम
कैसे गुज़रेगी हमरी उमरिया हो राम
कैसे गुज़रेगी हमरी उमरिया हो राम
न सोये कभी रातों में हम
हाँ न सोये कभी रातों में हम
यूँ रोये बरसातों में हम
हो क्यूँ खोये तोरी बातों में हम
मना करती थी..
हो मना करती थी सारी नगरिया हो राम
हो मना करती थी सारी नगरिया हो राम
कैसे गुज़रेगी हमरी उमरिया हो राम
कैसे गुज़रेगी हमरी उमरिया हो राम
ज़ुल्मी हमारे सावरिया हो राम
कैसे गुज़रेगी हमरी उमरिया हो राम
अब आये अब तक थे कहां
अब आये अब तक थे कहां
क्या जानू क्या बीती यहां
हो क्या कोई सौतन थी वहाँ
हम को भी..
हो हम को भी कहो कुछ ख़बरिया हो राम
हम को भी कहो कुछ ख़बरिया हो राम
कैसे गुज़रेगी हमरी उमरिया हो राम
कैसे गुज़रेगी हमरी उमरिया हो राम
ज़ुल्मी हमारे सावरिया हो राम
कैसे गुज़रेगी हमरी उमरिया हो राम
मुख पे है लट बिखरी हुई
मुख पे है लट बिखरी हुई
रुत भी है कुछ निखरी हुई
हो सब कुछ है पर कुछ है कमी
जो ये देखे
हो जो ये देखे नहीं वो नजरिया हो राम
जो ये देखे नहीं वो नजरिया हो राम
कैसे गुज़रेगी हमरी उमरिया हो राम
कैसे गुज़रेगी हमरी उमरिया हो राम
ज़ुल्मी हमारे सावरिया हो राम
ज़ुल्मी हमारे सावरिया हो राम
कैसे गुज़रेगी हमरी उमरिया हो राम
कैसे गुज़रेगी हमरी उमरिया हो राम