Genre | Hindi Lyrics |
Language | Hindi |
मन तेरा जो रोग है
मोहे समझ ना आए
पास है जो सब छोड़ के
दूर को पास बुलाए
[जिया लागे ना तुम बिन मोरा] x 4
क्या जाने क्यूँ है
क्या जाने कैसी अनदेखी सी डोर
जो खींचती है, जो ले चली है
जो खींचती है, जो ले चली है
अब यूँ मुझे तेरी ओर
हो मैं हूँ अब कहानी
होगी ना जो पूरी
ओ पास आओगे तो पाओगे
ओ पास आओगे तो पाओगे
फिर भी है एक दूरी
[जिया लागे ना तुम बिन मोरा] x 4
मन अब तक जो बूझ ना पाया
तुम वो पहली हो
कोई ना जाने क्या वो रहस्य है
कोई ना जाने क्या वो रहस्य है
जिसकी सहेली हो
मैं मुस्काऊं, सबसे छुपाऊं
ओ मैं मुस्काऊं, सबसे छुपाऊं
व्याकुल हो दिन रैन
कब से ना आई नैनों में निंदिया
कब से ना आई नैनों में निंदिया
मन में ना आया चैन
[जिया लागे ना तुम बिन मोरा] x 4
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