Genre | Hindi Lyrics |
Language | Hindi |
दिल उड़ा पतंगा
दिल उड़ा पतंगा
दिल उड़ा पतंगा..
कैसी ख्वाहिशें हैं क्या खला है
नींदे रात से क्यूँ लापता है
तारे आसमां से क्यूँ खफा है
लम्हा वक्त का बेस्वाद सा है
सब क्यूँ बेरंगा..
ना किसी का सांग
ना किसी का सांग
मैं क्यूँ बेरंगा
दिल उड़ा पतंगा
दिल उड़ा पतंगा
दिल उड़ा पतंगा
इस शहर दी शहर सोहणी लगदी होए
ख्यालां च रात सारी लंगदी ओह
हुण मुखड़े ते रौनक जेहि रेह्न्दी होए
पुछण सखियाँ कुछ मैं कुछ कहन्दी
यारी लायी वे मैं ता पहली वारी
ओहनू सोचां घंटे विच दस-दस वारी
पूछे जे कोई हाल मेरा
मैं कहन्दी सोहने यार मेरा
किथे वे सों यार मेरा
यादां विच रंगा
दिल उड़ा पतंगा
दिल उड़ा पतंगा
दिल उड़ा पतंगा
दिल उड़ा पतंगा
दिल उड़ा पतंगा
दिल उड़ा पतंगा