Genre | Hindi Lyrics |
Language | Hindi |
ऐसे बेशर्म आशिक़ हैं ये आज के
हाँ ऐसे बेशर्म आशिक़ हैं ये आज के
इनको अपना बनाना ट्रबल हो गया
ऐसे बेशर्म आशिक़ हैं ये आज के
इनको अपना बनाना ट्रबल हो गया
धीरे धीरे कलाई लगे थामने
इनको उंगली थमाना ट्रबल हो गया
ऐसे बेशर्म आशिक़ हैं ये आज के
हो यूँ मुसीबत के मारे कभी हम ना थे
यूँ मुसीबत के मारे कभी हम ना थे
ऐसे लूज़र बेचारे कभी हम ना थे
एक तो जीवन में पहले ही गम कम ना थे
हो एक तो जीवन में पहले ही गम कम ना थे
इनके आने से हर गम डबल हो गया
धीरे धीरे कलाई लगे थामने
इनको उंगली थमाना ट्रबल हो गया
ऐसे बेशर्म आशिक़ हैं ये आज के
2, 4, 6 या 10 की ये तादाद नहीं है
फिसले हैं कितने छिलको पे इन्हे याद नहीं है
10, 20, 100, 50 की तादाद नहीं है
लौंडे किये डंप कितने इन्हे याद नहीं है
इश्क़ पे कितना हो हम बुली
तो कूद जाओ सनम खिड़कियाँ हैं खुली
हो बेवफाई की बू है हवा में घुली
हो बेवफाई की बू है हवा में घुली
सांस लेना भी साला स्ट्रगल हो गया
धीरे धीरे कलाई लगे थामने
इनको उंगली थमाना ट्रबल हो गया
ऐसे बेशर्म आशिक़ हैं ये आज के
इनको अपना बनाना ट्रबल हो गया
ऐसे बेशर्म आशिक़ हैं ये आज के