Genre | Hindi Lyrics |
Language | Hindi |
बंद करके झरोखों को
ज़रा बैठी जो सोचने
बंद करके झरोखों को
ज़रा बैठी जो सोचने
मन में तुम्हीं मुस्काए
मन में तुम्हीं मुस्काए
अँखियों के झरोखों से
इक मन था मेरे पास वो
अब खोने लगा है
पाकर तुझे, हाय मुझे
कुछ होने लगा है
इक मन था मेरे पास वो
अब खोने लगा है
पाकर तुझे, हाय मुझे
कुछ होने लगा है
इक तेरे भरोसे पे
सब बैठी हूँ भूल के
इक तेरे भरोसे पे
सब बैठी हूँ भूल के
यूँ ही उम्र गुज़र जाए
तेरे साथ गुज़र जाए
अँखियों के झरोखों से
जीती हूँ तुम्हें देख के
मरती हूँ तुम्हीं पे
तुम हो जहाँ, साजन मेरी
दुनिया है वहीं पे
जीती हूँ तुम्हें देख के
मरती हूँ तुम्हीं पे
तुम हो जहाँ, साजन मेरी
दुनिया है वहीं पे
दिन रात दुआ माँगे
मेरा मन तेरे वास्ते
दिन रात दुआ माँगे
मेरा मन तेरे वास्ते
कभी अपनी उम्मीदों का
कोई फूल न मुरझाए
अँखियों के झरोखों से
मैं जब से तेरे प्यार के
रंगों में रंगी हूँ
जगते हुए, सोई रही
नींदों में जगी हूँ
हम्म…
मैं जब से तेरे प्यार के
रंगों में रंगी हूँ
जगते हुए, सोई रही
नींदों में जगी हूँ
मेरे प्यार भरे सपने
कहीं कोई ना छीन ले
मेरे प्यार भरे सपने
कहीं कोई ना छीन ले
दिल सोच के घबराए
यही सोच के घबराए
अँखियों के झरोखों से
मैंने देखा जो सांवरे
अँखियों के झरोखों से
मैंने देखा जो सांवरे
तुम दूर नज़र आए
बड़ी दूर नज़र आए
बंद करके झरोखों को
ज़रा बैठी जो सोचने
बंद करके झरोखों को
ज़रा बैठी जो सोचने
मन में तुम्हीं मुस्काए
मन में तुम्हीं मुस्काए
हम्म…